अकेले रहने और अकेलेपन की ताकत को पहचानें। हम अकेले हैं तो इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं कि हम मजबूत नहीं हैं। मुबारकें तुम्हें कि तुम, किसी का नूर हो गये किसी के इतने पास हो कि हमसे दूर हो गये।
सपनों की दुनिया हमेशा बहुत अपनी सी लगी। शायद इसीलिए जब भी मौका मिलता है उनमें खो जाती हूँ। मन में आया क्यों न हम सब अपने सपनों को आपस में साझा करें। इसी मंशा से ब्लॉग पर आई हूँ। जी चाहता है सब कुछ जान लूँ। लेकिन माँ कहती है अभी नहीं। माँ ने अभी तक मुझे सब से छुपाकर रखा है। किसी से भी बात नहीं करने देती। आप तो मुझसे बात करेंगे न ?
सही है, पर हम अकेले रहे ही क्यों
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