शुक्रवार, 22 जनवरी 2010

आओ हम जश्न मनाएं!

कैसी हो गयी हो मम्मा आप? इतना अधैर्य ? इतनी अकुलाहट ? इतनी उत्तेजना ? लगता है मेरी मम्मा तो कहीं खो गयी। वापस आ जाओ माँ! फिर पहले जैसी हो जाओ। मेरे आने का वक़्त हो रहा और तुम बेवज़ह परेशान हो रही हो। मुझे आ जाने दो। मैं तुम्हे इतना सुख दूंगी जितना तुमने सपने में भी नहीं सोचा होगा। जीवन में बहुत कुछ अनचाहा होता है। वो हमें दुःख देता है। इसी अनचाहे के बीच सुख के क्षण भी हम तक आ ही जाते हैं। कई बार जो अनचाहा होता है वही जीवन की सबसे बड़ी नियामत बन जाता है। तुम्हारे साथ भी तो यही हुआ। ईश्वर ने सब कुछ दे दिया। अब उसका शुक्रिया अदा करने के बजाय उस से शिकवा क्यों? आओ हम जश्न मनाएं! आई लव यू मम्मा!

2 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  2. Har betee maa ke dil ke bahut kareeb hotee hai ya ye kahoo ki dil kee dhadkan hotee hai to bhee atishyoktee nahee hogee .
    २७ जनवरी २०१० ८:५९ PM

    जवाब देंहटाएं