शुक्रवार, 15 जनवरी 2010

ऐसा क्यों होता है ?

मम्मा,
तुमने मेरी सलामती के लिए सूर्य ग्रहण नहीं देखा। लेकिन टीवी पर तो देखा न? चाँद ने सूरज और धरती के बीच आने में कोई कसर तो नहीं छोड़ी! है न ? चाँद का पूरा वजूद दोनों के बीच में आया तो कितना सुन्दर सोने सा छल्ला बन गया ! सूरज और धरती एक पल के लिए एक-दुसरे की आँख से ओझल नहीं हुए। सच्चा प्यार ऐसा ही होता है। तुम भी तो धरती हो। तुम्हारा चाँद सूरज को इतना कैसे ढक लेता है कि वह तुम्हें दिखाई तक नहीं देता?

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