मंगलवार, 8 दिसंबर 2009

हार्दिक शुभकामनाएं

एक होती है गौरैया ! कितनी प्यारी , कितनी निश्छल ! सबका दिल खुश कर देती है। सबको भाती है। कोई नहीं सोचता कि इस नन्ही सी जान का भी दिल उतना ही बड़ा है जितना हम सबका। एक होता है हाथी। विशालकाय। बेहद शक्तिशाली। किसी के ऊपर धोखे से भी पैर रख दे तो बेचारा टें बोल जाय। यहाँ भी कोई नहीं सोचता कि इस विकराल प्राणी का दिल उतना ही छोटा है जितना हम सबका। यानी ये जो दिल है ना, बड़ी अजीबोगरीब शय है। इसे न आपके आकार से मतलब है, न प्रकार से। उसे नहीं देखना कि आपकी औकात क्या है, जात क्या है, भविष्य क्या है। वो तो किसी को देखकर लरज उठे, धडकना तेज कर दे, बेचैन हो जाए तो समझ लो बेचारा गया काम से।

कोई किसी के लिए अपनी दुनिया नहीं छोड़ता। जब दिल और दिमाग में ज़द्दोज़हद हो तो अक्सर दिमाग ही जीतता है। दिल को समेटना कदाचित आसान है। उसके पास उन सवालों के ज़वाब नहीं होते जो दिमाग उठाता है। कोई आपके दिल में बहुत महफूज़ भी हो तो वक्त और हालात की परतों तले दबकर आखिरकार कहीं लुप्त हो ही जाता है। रह जाता वो जिसे आपके दिमाग ने सहेजा होता है। पर ऊपर वाले की फैक्ट्री भी कोई ऐसी तो है नहीं कि उसमें कोई दिफेक्टिड पीस नहीं निकलेगा। कुछ प्राणी ऐसे भी पैदा हो जाते हैं जिनमें दिमाग होता ही नहीं। वे बेचारे उम्र भर दिल के हाथों मजबूर बने रहते हैं। ऐसे बेवकूफ लोगों के लिए कोई अक्लमंद ख़ुद को तबाह तो नहीं करेगा। जब विकल्प सामने हों तो हर कोई बिना किसी दुविधा के ऐसा ही विकल्प चुनना चाहेगा जो एक सुनिश्चित जीवन की गारंटी दे सके। सपना भी तो यही था- अपना बँगला, अपनी गाड़ी, सौ प्रतिशत निजी सुसज्जित वातानुकूलित आरामगाह, गजटेड ऑफीसर पति। पैसे की किचकिच नहीं। जी चाहे तो कर लो नहीं तो कोई काम नहीं। इसके बाद भी कोई खामी रह जाए तो उसे पूरा किया जा सकता है। एहसान और अनुकम्पा के तौर पर खुशी के चन्द लम्हें बेवकूफ मगर कभी सुदूर अतीत में साथ रहे लोगों की झोली में भी डाले जा सकते हैं। दरअसल ये जो कुछ भी लिखा है ना, वह एक हारे हुए शख्स का प्रलाप है। बेमतलब! बेमानी! इन सबसे अलग लेकिन सबसे ख़ास बात यह है मेहमान के आने का वक्त करीब आता जा रहा है। नर्वस नाइंटी वाले वाइरस से बचना। उसकी सेहत के लिए जो भी उचित हो उसे करने में कोई कोताही न बरतना। चलने-फिरने में ख़ास एहतियात रखना। ज़रा सी चूक बहुत नुक्सान पहुंचा सकती है। बड़ा खुशकिस्मत है जो मेरी काली छाया से बचा रहा। या ये कह लो कि उसकी माँ बड़ी चतुर है। कितनी चतुराई से मेरी परछाईं से भी बचाकर रखा। हार्दिक शुभकामनाएं।

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